student-union-elections : छात्र संघ चुनाव नहीं होने पर छात्रों में आक्रोश
student-union-elections : छात्र संघ चुनाव नहीं होने पर छात्रों में आक्रोश, “छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित न होने पर छात्र संघ बहाली के मामले पर आंदोलन कर रहे छात्र कॉलेज अनिश्चितकालीन बंद पर धरना “
Elections: हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के शासनादेश के आधार याचिका को निस्तारित कर दिया है।
देहरादून, उत्तराखंड – छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित न होने और छात्र संघ बहाली के मामले पर आंदोलन कर रहे छात्रों ने कॉलेज को अनिश्चितकालीन बंद करने का फैसला किया है। छात्रों ने कॉलेज के मुख्य द्वार पर धरना दिया और नारेबाजी की।
आंदोलन के नेता और छात्र संघ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, वैशाली पाल MKP कॉलेज एवं हरीश जोशी DAV कॉलेज एवं हर्ष राणा DBS कॉलेज, देहरादून, उत्तराखंड ने कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित करने में देरी की है, जिससे छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है। हमें लगता है कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रों के प्रति उपेक्षा है।”
Uttarakhand: छात्रसंघ चुनाव की समयसीमा अब नहीं, हाईकोर्ट ने निस्तारित की जनहित याचिका
Student Union Elections उत्तराखंड में राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के शासनादेश के आधार पर याचिका को निस्तारित कर दिया है। सरकार ने कहा कि 30 सितंबर तक छात्र संघ चुनाव हो जाने चाहिए थे लेकिन विश्वविद्यालयों ने आदेश का पालन नहीं किया। अब चुनाव कराना संभव नहीं है।
विश्वविद्यालयों ने सरकार के आदेश का अनुपालन नहीं किया
सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को शासनादेश जारी कर कहा था कि 30 सिंतबर तक छात्र संघ चुनाव हो जाने चाहिए लेकिन विश्वविद्यालयों ने उस आदेश का अनुपालन नहीं किया। चुनाव कराने की समय सीमा निकल चुकी है, इसलिए अब छात्र संघ का चुनाव कराना संभव नहीं है। इसके आधार पर कोर्ट ने जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया।
किया जा रहा छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन
छात्र संघ का चुनाव न करवाकर छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है, चाहे तो सरकार अपना आदेश को वापस लेकर छात्र संघ का चुनाव करा सकती है। कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि प्रवेश होने के आठ सप्ताह के भीतर चुनाव हो जाने चाहिए ताकि बाद में उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।
लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन
देहरादून निवासी महिपाल सिंह ने समाचार पत्रों में 25 अक्टूबर को राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की खबर को आधार बनाते हुए जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा था कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कलेंडर जारी किया था, जिसमें छात्रसंघ चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव नहीं किए और न ही शासन से दिशा – निर्देश प्राप्त किए, जो कि लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है। इससे छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।
आंदोलन में शामिल छात्रों की मांगें:
– छात्र संघ बहाल करना
– छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित करना
– छात्रों के अधिकारों का सम्मान करना
– विश्वविद्यालय प्रशासन में पारदर्शिता लाना
आंदोलन के समर्थन में कई छात्र संगठन और राजनीतिक दल आगे आए हैं। आंदोलन की खबरें और अपडेट्स के लिए, आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें।
आंदोलन के बारे में छात्रों के बयान:
“हम अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे और छात्र संघ बहाली तक आंदोलन जारी रखेंगे।”
“विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के प्रति उपेक्षा की है, हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।”
“छात्र संघ बहाली के मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन को फैसला लेना चाहिए।”
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