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india-Caricom summit:दुनिया के नये 'सऊदी अरब' पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

india-Caricom summit:दुनिया के नये ‘सऊदी अरब’ पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी,गुयाना में भारतीय

india-Caricom summit:दुनिया के नये ‘सऊदी अरब’ पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, 56 सालों के बाद किसी भारतीय PM का दौरा, क्यों है खास?

अभूतपूर्व कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी का गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली और एक दर्जन से ज्यादा कैबिनेट मंत्रियों ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से गले लगाकर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी को गुयाना के जॉर्जटाउन में औपचारिक स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

India-Caricom summit

गुयाना को दुनिया का नया सऊदी अरब कहा जाता है, क्योंकि यहां पर तेल के भंडार मिले हैं और भारत के लिए ये देश इसलिए भी काफी खास है, क्योंकि यहां की 40 प्रतिशत से ज्यादा आबादी भारतीय है। यहां के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली और उप-राष्ट्रपति भारत जगदेव, भारतीय मूल के हैं। भारतीय लोगों को अंग्रेज गिरमिटिया मजदूर बनाकर गुयाना और अन्य कैरेबियाई देश ले गये थे, जो अब काफी रसूखदार हो चुके हैं।

तेल और गैस संसाधनों की खोज के बाद गुयाना एक तेजी से बढ़ता हुआ देश है। देश के साथ जुड़ाव में, भारत न सिर्फ ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने की उम्मीद कर रहा है, बल्कि ग्लोबल साउथ देशों और कैरेबियाई क्षेत्र के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करने की भी कोशिश क

भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे मोदी

गुयाना में, प्रधानमंत्री मोदी सभी कैरीकॉम देशों के नेताओं की मौजूदगी में ग्रेनाडा के प्रधानमंत्री डिकॉन मिशेल, कैरीकॉम (कैरिबियन समुदाय और साझा बाजार) के वर्तमान अध्यक्ष के साथ दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री मोदी ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे, जो कैरीकॉम देशों की राजनीतिक और आर्थिक आकांक्षाओं का समर्थन करता है।

प्रधानमंत्री मोदी गुयाना के राष्ट्रपति के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी करेंगे और गुयाना की राष्ट्रीय सभा को संबोधित करेंगे। गुयाना की अपनी यात्रा से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा है, कि वह सबसे पुराने भारतीय समुदाय में से एक को अपना सम्मान देंगे, जो 185 साल से भी पहले यहां आकर बसे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम अपने अनूठे संबंधों को रणनीतिक दिशा देने पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे, जो साझा विरासत, संस्कृति और मूल्यों पर आधारित है।”

गुयाना के उपराष्ट्रपति भारत जगदेव ने कहा, कि प्रधानमंत्री मोदी की गुयाना यात्रा “भारत और गुयाना के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंधों को रेखांकित करत

 

कैरीकॉम क्या है?

कैरीकॉम, कैरीबियाई देशों का एक समूह है। इसमें 21 देश हैं, जिनमें से 15 सदस्य देश हैं और छह सहयोगी सदस्य हैं। पहला शिखर सम्मेलन 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान आयोजित किया गया था, जहां भारत ने जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 150 मिलियन डॉलर की ऋण सुविधा की पेशकश की थी।

कैरीकॉम वेबसाइट के मुताबिक, 20 नवंबर 2024 को होने वाले दूसरे भारत-कैरीकॉम शिखर सम्मेलन से ऊर्जा और बुनियादी ढांचे, कृषि और खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन, साथ ही मानव संसाधन और क्षमता निर्माण में कैरीकॉम और भारत के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की उम्मीद है।

मोदी की गुयाना यात्रा से भारत को क्या फायदा होगा?

आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए गुयाना की ओर देख रहे हैं। यह छोटा कैरेबियाई देश लगातार एक संभावित प्रमुख पेट्रोलियम और गैस शक्ति के रूप में उभर रहा है। अमेरिकी ऊर्जा सूचना एजेंसी के अनुसार, गुयाना में तेल और प्राकृतिक गैस संसाधनों का अनुमान 11 बिलियन तेल-समतुल्य बैरल से अधिक है, जो कुवैत के तीन गुना से भी ज्यादा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, कि भारत के ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने के प्रयास में गुयाना महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से सहयोग के नए रास्ते खुलने, भारत-गुयाना संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय साझेदारी को प्रोत्साहित करने की भी उम्मीद है।

भारत-गुयाना संबंध

भारत-गुयाना संबंधों को स्ट्रेक्चरल बाइलेटरल मैकेनिज्म द्वारा बल मिलता है, जिसमें मंत्रिस्तरीय स्तर पर एक संयुक्त आयोग और विदेशी कार्यालयों के बीच पिरियोडिक परामर्श शामिल हैं।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) और जॉर्जटाउन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) के बीच स्थापित एक संयुक्त व्यापार परिषद, संबंधों को और मजबूत करती है।

विकासात्मक सहयोग मुख्य रूप से भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम के माध्यम से होता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में सालाना 50 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) गुयाना के छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर और चिकित्सा पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करता है। आज तक, 600 से ज्यादा भारतीय विद्वानों ने ITEC के तहत प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

भारत ने गुयाना को कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी पहलों के लिए ऋण सुविधाएं भी प्रदान की हैं, जिसमें भारतीय कंपनियां जैव ईंधन, ऊर्जा, खनिज और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अवसरों की तलाश कर रही हैं। भारत ने गुयाना को कई परियोजनाओं के लिए सहायता भी प्रदान की है, जिसमें 25 मिलियन डॉलर का राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी शामिल है, जो इस वर्ष टी20 विश्व कप क्रिकेट का आयोजन स्थल था।

 

गुयाना की जनसंख्या में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 39.8 प्रतिशत है, जिसमें सबसे बड़े धार्मिक समुदाय में हिंदू 28.4 प्रतिशत हैं।

भारत-गुयाना व्यापार

भारत और गुयाना के बीच 2021-22 में व्यापार 223.36 मिलियन डॉलर था, जिसमें गुयाना का निर्यात 156.96 मिलियन डॉलर था, जिसे ऊर्जा उत्पादों से बढ़ावा मिला।


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