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भारत रत्न - अफसोस रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे

ratan-tata – भारत रत्न – अफसोस रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे

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भारत रत्न - अफसोस रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे
भारत रत्न – अफसोस रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे

रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति थे रतन जिन्होंने टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था और उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्तr की ¹। उन्होंने 1961 में टाटा समूह में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की और बाद में समूह के अध्यक्ष बने।

उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर विस्तार किया और कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जिनमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस शामिल हैं ¹। उन्हें 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है ¹।

रतन टाटा एक समाजसेवी व्यक्ति भी थे और उन्होंने 30 से अधिक स्टार्ट-अप में निवेश किया ¹। उनका 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया ¹।

रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया ¹। वह टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके थे और उनके नेतृत्व में समूह ने वैश्विक स्तर पर विस्तार किया और कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए। उन्हें 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था, जो भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है ¹।

उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी, उन्हें एक महान उद्योगपति और समाजसेवी के रूप में याद किया ¹। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और घोषणा की कि राज्य सरकार उनके सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक मनाएगी ¹।

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था और उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी ¹। उन्होंने 1961 में टाटा समूह में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की और बाद में समूह के अध्यक्ष बने ¹। 

रतन टाटा की उपलब्धियाँ:

1. टाटा समूह का वैश्विक विस्तार: रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर विस्तार किया और कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए।

2. जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण: रतन टाटा ने 2008 में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया, जो एक महत्वपूर्ण कदम था टाटा समूह के वैश्विक विस्तार में।

 

3. टेटली का अधिग्रहण: रतन टाटा ने 2000 में टेटली का अधिग्रहण किया, जो एक ब्रिटिश वाहन निर्माता कंपनी है।

4. कोरस का अधिग्रहण: रतन टाटा ने 2007 में कोरस का अधिग्रहण किया, जो एक फ्रांसीसी स्टील कंपनी है।

5. टाटा नैनो का विकास: रतन टाटा ने टाटा नैनो का विकास किया, जो दुनिया की सबसे सस्ती कार है।

6. समाजसेवा: रतन टाटा ने कई समाजसेवी कार्यों में योगदान दिया, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं।

7. पद्म विभूषण सम्मान: रतन टाटा को 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

8. व्यवसायिक नेतृत्व: रतन टाटा को व्यवसायिक नेतृत्व में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले, जिनमें एशिया के सर्वश्रेष्ठ सीईओ और विश्व के सर्वश्रेष्ठ सीईओ शामिल हैं।

9. शिक्षा में योगदान: रतन टाटा ने शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिनमें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज शामिल हैं।

10. पर्यावरण संरक्षण: रतन टाटा ने पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिनमें टाटा पावर का स्वच्छ ऊर्जा में निवेश शामिल है।

रतन टाटा ने अपने समूह के तहत लगभग 7 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया। यह एक बड़ा काम है जो उन्होंने किया है, जो भारत में और विश्व स्तर पर टाटा ग्रुप के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने में मदद करता है।

टाटा ग्रुप के तहत कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हुए, जैसे कि:

वाहन निर्माण

इस्पात उद्योग

आईटी और टेक्नोलॉजी

शिक्षा और स्वास्थ्य

 

रतन टाटा के नेतृत्व में, उन्होंने भारत में और विश्व स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

रतन टाटा के रोजगार संबंधी कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े:

टाटा मोटर्स: 2.5 लाख कर्मचारी

टाटा स्टील: 1.5 लाख कर्मचारी

टीसीएस: 4.5 लाख कर्मचारी

टाटा कम्युनिकेशन्स: 50,000 कर्मचारी

इन आंकड़ों से पता चलता है कि रतन टाटा ने अपने समूह के तहत कितने बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान किया है।


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