Zakir Hussain:जब पहले प्रोग्राम में जाकिर हुसैन को मिले थे 5 रुपये, वाइट हाउस भी हो गया था तबले की थाप का मुरीद
- महान तबलावादक उस्ताज जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह एक साथ तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले इकलौते भारतीय कलाकार थे।
- संगीत की दुनिया में तबले की एक बेमिसाल थाप शांत हो गई है। दुनियाभर में तबला वादन के लिए मशहूर पंजाब घराने के उस्ताद जाकिर हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक अस्पताल में ह्रदय संबंधी समस्याओं के चलते निधन हो गया। 11 साल की उम्र में ही जाकिर हुसैन की उंगलियां तबले पर यूं मचलने लगी थीं कि लोग उनके वादन के दीवाने हो जाते थे। केवल 12 साल की उम्र में ही वह अमेरिका में पहला कन्सर्ट करने पहुंच गया थे। उनके पिता उस्ताह अल्लाह रक्खा कुरैशी मशहूर तबला वादक थे।
- जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा मुंबई के माहिम में सेंट माइकल स्कूल से हुई। इसके बाद ग्रेजुएशन सेंट जेवियर्स कॉलेज से किया। बचपन से ही संगीत के प्रति उनका लगाव था। उनका पहला एल्बम ‘लिविंग इन द मटीरियल वर्ल्ड’रिलीज हुआ जिसने उन्हें काफी पहचान दिलवाई।
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एक ही रात में जीते तीन ग्रैमी अवॉर्ड
जाकिर हुसैन के पहले गुरु पिता अल्ला रक्खा ही थे। इसके बाद उन्होंने उस्ताद विलायत हुसैन खान औऱ उस्ताद लतीफ अहमद से भी तबले की तालीम ली। जाकिर हुसैन ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि भले ही उन्होंने दुनियाभर में तबले की वजह से करोड़ों रुपये कमाए हों लेकिन पहले कार्यक्रम में जो उन्हें पांच रुपये मिले थे, वे आज भी उनके लिए कीमती हैं। जाकिर हुसैन ने बैंड शक्ति शुरू किया था। 2023 में 4 फरवरी को 66वें ग्रैमी अवॉर्ड्स में उन्हें एक ही रात में तीन ग्रैमी अवॉर्ड मिले। वह ऐसा कमाल करने वाले पहले भारतीय थे।
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सबसे कम उम्र में पद्मश्री
जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री से नवाजा गया था। वह पद्मश्री पाने वाले सबसे कम उम्र के नौजवान थे। इसके बाद 1990 में संगीत नाटक अकैडमी अवॉ्रड से उन्हें सम्मानित किया गया। उनके एल्बम प्लानेट ड्रम को ग्रैमी अवॉर्ड मिला। 2002 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। 2006 में कालीदास सम्मान और 2009 में उनके एक और एल्बम को ग्रैमी अवॉर्ड दिया गया। 2023 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया।
वाइट हाउस भी था कला का मुरीद
12 साल की उम्र में ही उस्ताद जाकिर हुसैन ने अमेरिका जाकर पर्फॉर्म किया था। बताया जाता है कि ट्रेन में सफर के दौरान जब उन्हें सीट नहीं मिलती थी तब तबले को गोद में रखकर फर्श पर भी सो जाया करते थे। लेकिन तबले को फर्श पर नहीं रखते थे। 2026 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उ्हें ऑल स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ड में भाग लेने के लिए वाइट हाउस में आमंत्रित किया था। वह पहले भारतीय संगीतकार थे जिन्हें यह आमंत्रण मिला था।
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12 फिल्मों में भी की ऐक्टिंग
उस्ताद जाकिर हुसैन महान तबलावादक के अलावा एक्टर भी थे। उन्होंने 12 फिल्मों में काम किया। 1993 में रिलीज हुई ब्रिटिश फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ से उन्होंने एक्टिंग की शुरुआत की थी। इस फिल्म में एक्टर शशि कपूर भी थे। 1998 में उन्होंने साज फिल्म में काम किया। इस फिल्म में शबाना अजामी ने भी काम किया था।
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अलविदा उस्ताद… भारतीय तबला और अमेरिकी जैज का वो प्रयोग जो जाकिर हुसैन को कर गया म्यूजिक वर्ल्ड में अमर…
90 की पैदाइश वाले लोगों के जेहन में दूरदर्शन की जो यादें अब तलक जिंदा है, उनमें दो बातें खास हैं, पहला तो वो अमर गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ और दूसरा कई सारे यादगार विज्ञापन. उन दिनों एक चाय का विज्ञापन बहुत मशहूर रहा था.
- मार्च 1951… रुत वसंत की थी और माहौल में रंगीनियत छाई थी. वजह थी कि उस्ताद अल्ला रक्खा कुरैशी इसी रोज अब्बा बने थे. उनकी बेगम ने जन्नत के फरिश्ते जैसे बच्चे को जन्म दिया था. जच्चा-बच्चा के रस्मो-रिवाज के बाद अगले दिन बच्चे को अब्बा की गोद में दिया गया. रिवाज के मुताबिक अब्बा को बच्चे के कान में कुछ आशीर्वाद सरीखे शब्द कहने थे. मसलन कुछ ऐसा कि ‘खूब नाम कमाओ- सेहतमंद रहो या ऐसा ही कुछ और… लेकिन उस्ताद साहब ने बच्चे के कान में बोलना शुरू किया, ‘धाति धागे नधा तिरकिट धाति धागे धिना गिना, ताति ताके नता तिरकि धाति धागे धिना गिना’.
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Zakir Hussain Death: जाकिर हुसैन के निधन से शोक में डूबा बॉलीवुड, रणवीर सिंह समेत कई बड़ी हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
- Zakir Hussain Death: प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे. जाकिर हुसैन का निधन रविवार को सैन फ्रांसिस्को में हुआ. उन्होंने 73 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनका निधन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस की वजह से हुआ. उनके निधन की पुष्टि परिवार ने कर दी है. उनके निधन की खबर सुनकर बॉलीवुड गम में डूब गया. मनोज बाजपेयी, रणवीर सिंह, रितेश देशमुख, हंसल मेहता जोया अख्तर सहित कई सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
रणवीर सिंह समेत कई बड़ी हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
मनोज बाजपेयी ने उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर दुख जताते हुए लिखा कि, यह बहुत विनाशकारी है. इतना बड़ा नुकसान. रेस्ट इन पीस मास्टरो. जबकि फिल्म निर्माता जोया अख्तर ने जाकिर हुसैन की फोटो शेयर कर लिखा कि उनके जैसा दूसरा कभी नहीं होगा. वह एक महान संगीतकार और एक अद्वितीय व्यक्ति थे. उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी. रणवीर सिंह ने जाकिर हुसैन की फोटो अपने इंस्टाग्राम पर शेयर कर कुछ नहीं लिखा. उन्होंने रेड हार्ट और हाथ जोड़ने वाला इमोजी बनाया
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हंसल मेहता बोले- अलविदा उस्ताद जाकिर हुसैन
फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने एक्स पर लिखा, “वह मास्टरो जिसने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत समारोहों में कई रातों को यादगार बना दिया. वह व्यक्ति जो अपनी कला के जरिए दर्शकों को आकर्षित करना जानता था. अलविदा उस्ताद जाकिर हुसैन.” जबकि एक्टर रितेश देशमुख ने लिखा, ज़ाकिर हुसैन साहब की अपूरणीय क्षति भारत और वैश्विक संगीत समुदाय के लिए एक विनाशकारी झटका है. सर आपका संगीत एक गिफ्ट था, एक खजाना जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित और उत्थान करना जारी रखेगा. आपकी विरासत जीवित रहेगी.”