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pariksha-pe-charcha-2025 : फेल हो गए तो क्या होगा? पीएम मोदी की 2 मिनट की बात सुनकर हमेशा के लिए भाग जाएगा डर!

pariksha-pe-charcha-2025 : फेल हो गए तो क्या होगा? पीएम मोदी की 2 मिनट की बात सुनकर हमेशा के लिए भाग जाएगा डर!

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Pariksha pe Charcha 2025 : एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ परीक्षा पे चर्चा का इस साल का एपिसोड जारी हो चुका है। इस बार सुंदर नर्सरी में आउटडोर लोकेशन पर परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन हुआ है। एक छात्र ने असफलता या फेल हो जाने के डर के बारे में भी प्रधानमंत्री से सवाल किया?

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एक छात्रा ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया.. मेरे मन में चिंता रहती है कि अगर मैं फेल हो गई तो क्या होगा? तो इस डर से कैसे बचें? पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग फेल हो जाते हैं उनका जीवन रुक नहीं जाता। आपको तय करना है कि जीवन में सफल होना है या किताबों से सफल होना है। आपको सोचना चाहिए कि आपकी असफलताएं तो आपकी गुरु हैं जो आपको सिखाती हैं। ऐसे में आपको उनसे डर नहीं लगेगा और आपको सीखने की इच्छा होगी।

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हर साल 10वीं में 12वीं में 40 प्रतिशत, 30 प्रतिशत बच्चे फेल होते हैं, उनका क्या होता है? बच्ची कहती है कि वो दोबारा से कोशिश करते हैं। पीएम कहते हैं कि फिर से फेल हो गए तो? जिंदगी अटक नहीं जाती है। आपको तय करना होगा जीवन में सफल होना है या फिर किताबों से सफल होना है। जीवन में सफल होने का एक उपाय यह होता है कि आप अपने जीवन की जितनी विफलताएं हैं उनको अपना टीचर बना लें। आपको मालूम होगा कि क्रिकेट मैच होता है तो बाद में सारे प्लेयर बैठकर देखते हैं कि हमने क्या गलती की और इसका सुधार कैसे किया जाए।

क्या आप भी, अपनी जो विफलताएं हैं, उन विफलताओं को टीचर बना सकते हैं क्या? दूसरा जीवन सिर्फ परीक्षाएं नहीं हैं, जीवन को समग्रता में देखना चाहिए। अब आपने जैसे दिव्यांग जनों के जीवन को बड़ी बारीकी से देखना चाहिए। परमात्मा ने कुछ चीजें उन्हें नहीं दी हैं, परमात्मा ने कुछ और चीजें इतनी एक्ट्राओडिनरी दी होती हैं कि वो उसके जीवन का संबल बन जाती हैं, ताकत बन जाती हैं। तो आपके अंदर भी परमात्मा ने आपके अंदर भी कुछ कमियां रखी हैं और कुछ विशेषताएं भी रखी हैं।

विशेषताओं में और ज्यादा अच्छा कैसे बने इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। फिर कोई पूछेगा नहीं कि तुम्हारी डिग्री क्या है? तुम कहां पढ़े थे? तुम्हारे 10वीं में कितने मार्क्स आए? ये कोई नहीं पूछेगा तो कोशिश ये होनी चाहिए कि मार्क्स बोलें या जीवन बोले? जीवन बोलना चाहिए।

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