, आखिर क्यों लगातार गिर रहा है शेयर बाजार?
शेयर बाजार में गिरावट का दौर लगातार जारी है. अभी अक्टूबर महीना पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है, बाजार 5 फीसदी से अधिक नीचे आ चुका है. सेंसेक्स और निफ्टी में आई ये कमजोरी कोरोना काल के बाद से पहली बार है. एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि निफ्टी में अभी 1 हजार अंकों की और गिरावट देखी जा सकती है.
पिछले कुछ दिनों में शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. एक रिपोर्ट की मानें तो अभी तक 26 लाख करोड़ से अधिक रुपए डूब चुके हैं. अगर अक्टूबर के आंकड़ों को देखें इस महीने में अब तक बीएसई सेंसेक्स 5 प्रतिशत तक नीचे आ चुका है. वहीं एनएसई निफ्टी का भी हाल कुछ ऐसा ही है. ऐसे में बाजार की गिरावट कई बातों की ओर इशारा भी कर रही है, तो दूसरी ओर वह निवेशकों के लिए एक पहेली भी बन गया है. इन सब के बीच ब्रोकरेज फर्म CLSA की रिपोर्ट ने चिंता और बढ़ा दी है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
ब्रोकरेज फर्म CLSA के टॉप चार्टिस्ट लॉरेंस बालांको के अनुसार, निफ्टी 50 इंडेक्स में मौजूदा स्तर से और 1,000 अंक की गिरावट हो सकती है. उनके मुताबिक, अगले 20 कारोबारी सत्रों के दौरान निफ्टी 23,300 के स्तर तक गिर सकता है. बुधवार को निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 138 अंक गिरकर 80,081 पर बंद हुआ. बैंक निफ्टी, स्मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्स में भी गिरावट दर्ज की गई. बीएसई के टॉप 30 शेयरों में से 22 शेयरों में गिरावट रही, जबकि एनटीपीसी और महिंद्रा के शेयरों में 3% से ज्यादा की गिरावट आई.
क्यों बाजार लगा रहा गोता?
शेयर बाजार में गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण कंपनियों के तिमाही मुनाफे में आई कमी है, जो उम्मीदों से कम रहा है. विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से भारी मात्रा में पैसा निकाला है, जो अक्टूबर महीने में 88,244 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. इसके अलावा, अमेरिकी चुनावों और ग्लोबल मार्केट में दबाव के कारण भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. साथ में चीन की सरकार द्वारा अपनी इकोनॉमी के लिए 142 अरब डॉलर का राहत पैकेज देना भारतीय बाजार के लिए नुकसान का सौदा साबित हो गया है, क्योंकि इसके चलते विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकालकर चीन में लगा रहे हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि इस समय निवेशकों को खरीदारी से बचना चाहिए और बाजार की दिशा स्थिर होने तक इंतजार करना चाहिए. जब तक शेयर बाजार लगातार दो दिन अपने उच्चतम स्तर पर बंद नहीं होता, तब तक निवेश करना जल्दबाजी हो सकता है.
अगले 20 दिन में 1,000 अंक और गिर सकता है निफ्टी, PSU स्टॉक्स में सबसे अधिक जोखिम: CLSA चार्टिस्ट
CLSA के टॉप चार्टिस्ट लॉरेंस बालांको ने कहा कि निफ्टी अगले 20 कारोबारी सत्रों में 23,300 के स्तर तक गिर सकता है। इसका मतलब है कि मंगलवार 22 अक्टूबर को निफ्टी 24,470 के स्तर पर बंद हुआ था और अब इसमें उस स्तर से 1,000 से अधिक अंकों की गिरावट आ सकती है
निफ्टी 50 इंडेक्स में मौजूदा स्तर से करीब 1,000 अंक और नीचे गिर सकता है। दिग्गज ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) के टॉप चार्टिस्ट लॉरेंस बालांको (Laurence Balanco) ने यह अनुमान जताया है। निफ्टी पहले ही अपने 26,277 के हालिया शिखर से करीब 7% नीचे आ चुका है, जो उसने 27 सितंबर को छुआ था। बालेंको को उम्मीद है कि निफ्टी मौजूदा स्तरों से और नीचे जाएगा।
हमारे सहयोगी CNBC-TV18 के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में बालांको ने कहा कि निफ्टी अगले 20 कारोबारी सत्रों में 23,300 के स्तर तक गिर सकता है। इसका मतलब है कि मंगलवार 22 अक्टूबर को निफ्टी 24,470 के स्तर पर बंद हुआ था और अब इसमें उस स्तर से 1,000 से अधिक अंकों की गिरावट आ सकती है।
बालांको ने कहा, “हमने अब गिरावट की गति को तेज होते देखा है, और हेड एंड शोल्डर्स जैसा क्लासिक रिवर्सल पैटर्न अगस्त और अक्टूबर के उच्चतम स्तरों के बाद बना है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि बाजार 200-दिनों के मूविंग एवरेज तक वापस जाएगा, जो लगभग 23,300 के आसपास है। इसलिए हम कम से कम 5% की और गिरावट देख रहे हैं। यह बाजार को वापस लॉन्ग-टर्म सपोर्ट ट्रेज की ओर ले जाए है।
उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि नवंबर तक हम इन निचले टारगेट्स को छू लेंगे, और अगले 20 ट्रेडिंग सत्रों में बाजार 23,300 के स्तर तक पहुंच सकता है। हम देखेंगे कि क्या यहां सपोर्ट बनता है। पिछली बार जब निफ्टी ने 200-दिनों के मूविंग एवरेज का टेस्ट किया था, तो यह लोकसभा चुनान नतीजों की प्रतिक्रिया में हुआ है। इससे पहले वास्तव में 2023 के मार्च-अप्रैल में हुई बिकवाली हुई थी। इसलिए, पिछले 18 महीनों में हमने केवल दो अलग-अलग मौकों पर निफ्टी को 200 दिनों के मूविंग एवरेज पर जाते देखा है और हमें लगता है कि यह तीसरी बार होगा।”
PSU स्टॉक्स में सबसे अधिक जोखिम
बालांको ने यह भी कहा कि PSU सेक्टर में सबसे अधिक गिरावट का जोखिम है। उन्होंने विशेष रूप से कोल इंडिया और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) जैसे दो PSU शेयरों में गिरावट की संभावना का जिक्र किया। मंगलवार को BSE PSU इंडेक्स 200-दिनों मूविंग एवरेज से नीचे आ गया, जिससे यह सेक्टर और भी कमजोर हो गया है। बालांको के अनुसार, “PSU बैंकों का प्रदर्शन, प्राइवेट बैंकों की तुलना में कमजोर होता जा रहा है, और हम देख रहे हैं कि PSU इंडेक्स 200-दिनों के औसत से नीचे गिर चुका है, जिससे यह सबसे कमजोर सेक्टर बन गया
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। moneycontol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सला